एक बड़े कदम में, उत्तर प्रदेश सरकार ने पांचवें और छठे वेतनमान के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में भारी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। निर्देश के अनुसार, राज्य सरकार के वेतन ढांचे के तहत आने वाले लोगों को अब उनके मूल वेतन के 230 प्रतिशत की हड़ताल दर से महंगाई भत्ता मिलेगा, जो छठे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप है।
इसी तरह, पांचवें वेतनमान में आने वाले व्यक्तियों को उनके वेतन के साथ मिलकर महंगाई भत्ते के 427 प्रतिशत के हकदार हैं। यह संशोधन 1 जुलाई से लागू होगा, जिससे इन कर्मचारियों को वित्तीय लाभ होगा। इससे पहले, छठे वेतनमान के कर्मचारियों को 221 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता था, जबकि पांचवें वेतनमान के कर्मचारियों को 412 प्रतिशत मिलता था।
इस अपडेट का एक उल्लेखनीय पहलू यह है कि अवशिष्ट महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत एनपीएस के तहत कवर किए गए कर्मचारियों के टियर-आई खाते में जमा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार शेष राशि का 14 प्रतिशत टियर-आई पेंशन खाते में आवंटित करेगी, जिसमें अधिकांश धनराशि कार्मिक पीपीएफ या एनएससी से प्राप्त होगी।
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस लाभ को 1 जुलाई, 2023 से राज्य में तैनात अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों तक बढ़ा दिया है। बढ़ी हुई महंगाई भत्ता परिवहन विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों पर भी लागू होगी।
मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी निर्देश में यह सुनिश्चित किया गया है कि बढ़ी हुई महंगाई भत्ता दरें नवंबर 1 से नकद में वितरित की जाएंगी। इसके अलावा, 1 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2023 तक की अवधि के लिए बकाया राशि अधिकारियों और कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों में जमा की जाएगी। गैर-भविष्य निधि सदस्यों का बकाया एनएससी या पीपीएफ खातों में जमा कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार का यह सक्रिय कदम नए साल के करीब आने पर वित्तीय राहत प्रदान करने और मनोबल बनाने का लक्ष्य रखता है।