क्रिप्टो करेंसी एक आधुनिक डिजिटल मुद्रा है जो इंटरनेट के माध्यम से व्यापार और लेन-देन की प्रक्रिया को सुगम बनाने का एक नया तरीका है। इसे विशेष रूप से क्रिप्टोग्राफी नामक तकनीक का उपयोग करके सुरक्षित रूप से संचालित किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी का उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है, जैसे कि वित्तीय सेवाएं, ई-कॉमर्स, और अन्य ऑनलाइन लेन-देन कार्यक्रमों में।
क्रिप्टो करेंसी की प्रमुखता यह है कि यह एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर नेटवर्क के माध्यम से काम करती है। इसका मतलब है कि क्रिप्टो करेंसी की लेन-देन विवरण और संचालन का रिकॉर्ड एक सार्वजनिक डेटाबेस में स्टोर होता है, जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है। इस ब्लॉकचेन नेटवर्क को विभिन्न कंप्यूटर और सर्वरों पर बांटा जाता है, जिससे कि इसे किसी भी एकल संरक्षित स्थान पर संचालित नहीं किया जा सके। इसके कारण, क्रिप्टो करेंसी की सुरक्षा और निजता काफी उच्च होती है।
क्रिप्टो करेंसी के काम करने का तरीका इस प्रकार है – जब कोई व्यक्ति एक लेन-देन करना चाहता है, तो उसे अपने कम्प्यूटर या मोबाइल डिवाइस के माध्यम से एक ट्रांजैक्शन बनानी होती है। इस ट्रांजैक्शन में व्यक्ति की पहचान और लेन-देन की विवरण को एक्रिप्ट करके एक डिजिटल हस्ताक्षर के साथ जोड़ा जाता है। फिर यह ट्रांजैक्शन नेटवर्क के अन्य कंप्यूटरों और सर्वरों के साथ साझा की जाती है। इसके बाद, इस ट्रांजैक्शन को ब्लॉकचेन में संग्रहीत किया जाता है और इसे सत्यापित करने के लिए कंप्यूटरों के द्वारा गणना की जाती है। एक बार जब यह ट्रांजैक्शन सत्यापित हो जाती है, तो इसे ब्लॉकचेन में स्थायी रूप से संग्रहीत किया जाता है।
क्रिप्टो करेंसी के काम करने का यह तरीका उदाहरण स्वरूप समझने के लिए, आप एक बैंक में एक खाता खोलने की प्रक्रिया के साथ इसे तुलना कर सकते हैं। जब आप एक खाता खोलने के लिए आवेदन करते हैं, तो आपको अपनी पहचान प्रमाणित करने के लिए विभिन्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे कि पासपोर्ट या पैन कार्ड। फिर बैंक कर्मचारी आपकी पहचान और दस्तावेजों को सत्यापित करते हैं और आपको एक खाता नंबर और पासवर्ड प्रदान करते हैं। इसके बाद, जब आप लेन-देन करना चाहते हैं, तो आप बैंक के द्वारा प्रदान किए गए खाता नंबर और पासवर्ड का उपयोग करके एक लेन-देन का आदेश प्लेस करते हैं। बैंक फिर से आपकी पहचान और खाता नंबर की पुष्टि करता है और उपयुक्त लेन-देन को संपन्न करता है।