परिचय
ओम जय जगदीश हरे एक प्रसिद्ध हिंदी भजन है जिसे हिंदू धर्म के अनुयाय बहुत प्रेम से गाते हैं। यह भजन भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे अक्सर आरती के रूप में भी गाया जाता है। इस आर्टिकल में हम ओम जय जगदीश हरे के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
महत्व
ओम जय जगदीश हरे भजन का महत्व अत्यंत उच्च है। यह भजन हमें दिव्यता और शांति का अनुभव कराता है और हमें भगवान के साथ अधिक सम्पर्क में लाता है। इस भजन को गाने से हमारा मन शुद्ध होता है और हमें आनंदित महसूस कराता है।
शब्दों का अर्थ
ओम जय जगदीश हरे भजन के शब्दों का अर्थ बहुत गहरा होता है। ‘ओम’ एक पवित्र ध्वनि है जो हमें आत्मा के साथ जोड़ती है। ‘जय’ शब्द हमारे आदर्शों और मूल्यों की जीत को दर्शाता है। ‘जगदीश’ शब्द भगवान को दर्शाता है, जो सभी जगह मौजूद हैं। ‘हरे’ शब्द भगवान के नामों में से एक है और यह हमें उनके साथ एकीकृत होने का अनुभव कराता है।
भजन का इतिहास
ओम जय जगदीश हरे भजन का इतिहास काफी पुराना है। इसे आमतौर पर अपने घरों में और मंदिरों में गाया जाता है। इस भजन की रचना पंडित ब्रजराज द्वारा की गई थी और यह ब्रज भाषा में लिखा गया था। इसके बाद से, यह भजन बहुत प्रसिद्ध हो गया है और लोग इसे बड़े आनंद के साथ गाते हैं।
आरती के रूप में गाना
ओम जय जगदीश हरे भजन को आरती के रूप में भी गाया जाता है। इस आरती को शाम के समय गाना बहुत शुभ माना जाता है। इसके गाने से घर में शांति और समृद्धि की वातावरण बनी रहती है और परिवार के सदस्यों के बीच एकता की भावना पैदा होती है।
संक्षेप में
ओम जय जगदीश हरे भजन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे गाने से हमें आत्मिक और मानसिक शांति मिलती है और हमें भगवान के साथ एकीकृत होने का अनुभव होता है। यह भजन हमें आदर्शों और मूल्यों की जीत का संकेत देता है और हमें भगवान के प्रति अपनी भक्ति को व्यक्त करने का मौका देता है।