भारतीय कृषि क्षेत्र में ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के उपयोग के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय में वृद्धि करना है। इस लेख में, हम कुसुम महाउर्जा योजना के तहत किसानों को मिलने वाली ऋण और वित्तीय सहायता की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
पीएम-कुसुम योजना के घटक
योजना तीन मुख्य घटकों में विभाजित है:
- घटक-A: बंजर भूमि पर 10,000 मेगावाट के विकेंद्रीकृत ग्रिड-कनेक्टेड सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना।
- घटक-B: 17.5 लाख स्टैंडअलोन सौर कृषि पंपों की स्थापना।
- घटक-C: 10 लाख मौजूदा ग्रिड-कनेक्टेड कृषि पंपों का सौरकरण।
वित्तीय सहायता और सब्सिडी
घटक-B: स्टैंडअलोन सौर पंपों के लिए वित्तीय सहायता
- केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA): सौर पंप की बेंचमार्क लागत या निविदा लागत (जो भी कम हो) का 30% केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।
- राज्य सरकार की सब्सिडी: राज्य सरकारें न्यूनतम 30% सब्सिडी देती हैं।
- किसान का योगदान: शेष 40% में से, किसान केवल 10% प्रारंभिक निवेश करता है, जबकि बाकी 30% बैंक ऋण के माध्यम से वित्तपोषित किया जा सकता है। :contentReference[oaicite:0]{index=0}
विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए
पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में:
- केंद्रीय वित्तीय सहायता: 50% तक बढ़ाई गई है।
- राज्य सरकार की सब्सिडी: 30%।
- किसान का योगदान: शेष 20%, जिसमें से 10% स्वयं और 10% बैंक ऋण के माध्यम से। :contentReference[oaicite:1]{index=1}
ऋण प्राप्ति की प्रक्रिया
किसान बैंक ऋण के माध्यम से अपनी वित्तीय आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पीएम-कुसुम योजना के तहत ऋण प्रदान करता है, जिसमें ब्याज दरें 8.25% प्रति वर्ष से शुरू होती हैं। :contentReference[oaicite:2]{index=2}
आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन: किसान अपने राज्य की नोडल एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- आवश्यक दस्तावेज़:
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
योजना के लाभ
- ऊर्जा आत्मनिर्भरता: सौर ऊर्जा के माध्यम से किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति।
- आय में वृद्धि: अतिरिक्त उत्पन्न बिजली को ग्रिड में बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करना।
- पर्यावरण संरक्षण: स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन उत्सर्जन में कमी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
हाँ, सभी श्रेणी के किसान, जिनके पास कृषि भूमि है, इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।
सौर पंप की स्थापना के लिए कितना समय लगता है?
आवेदन स्वीकृति के बाद, सौर पंप की स्थापना आमतौर पर 3-6 महीनों में पूरी हो जाती है।
क्या बैंक ऋण के लिए कोई गारंटी आवश्यक है?
यह बैंक की नीतियों पर निर्भर करता है। अधिकांश मामलों में, सौर पंप स्वयं ही गारंटी के रूप में स्वीकार किए जाते हैं।
योजना के तहत अधिकतम सौर पंप क्षमता क्या है?
योजना के तहत 3 हॉर्स पावर से लेकर 10 हॉर्स पावर तक के सौर पंप उपलब्ध हैं।
5. क्या योजना के तहत अन्य उपकरणों के लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध है?
वर्तमान में, योजना मुख्य रूप से सौर पंपों और सौर ऊर्जा संयंत्रों पर केंद्रित है।
निष्कर्ष
कुसुम महाउर्जा योजना किसानों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता और आय वृद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन है। सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी और बैंक ऋण की सुविधाओं के माध्यम से, किसान सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपनी कृषि गतिविधियों को सशक्त बना सकते हैं। यदि आप एक किसान हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपने राज्य की नोडल एजेंसी से संपर्क करें और आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।