भारत में किसानों की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने कुसुम महौरजा योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा आधारित पंपिंग सिस्टम उपलब्ध कराना और डीजल पर निर्भरता कम करना है। सरकार इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे वे सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं और अपनी बिजली जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि इस योजना के तहत कितनी सरकारी सहायता मिल सकती है, कौन पात्र है, आवेदन प्रक्रिया क्या है और इसके क्या फायदे हैं।
कुसुम महौरजा योजना क्या है?
कुसुम (KUSUM – Kisan Urja Suraksha evam Utthan Mahabhiyan) महौरजा योजना भारत सरकार द्वारा 2019 में शुरू की गई एक पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। इसके तहत किसानों को सौर पैनल स्थापित करने के लिए सरकारी सब्सिडी प्रदान की जाती है।
योजना के मुख्य घटक:
- किसानों के लिए सौर पंप सब्सिडी
- ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा परियोजनाएँ
- सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु अतिरिक्त अनुदान
योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी कितनी है?
कुसुम महौरजा योजना के तहत किसानों को 90% तक सब्सिडी मिल सकती है। सरकार तीन स्तरों पर सब्सिडी प्रदान करती है:
सब्सिडी का स्रोत | अनुदान राशि (%) |
---|---|
केंद्र सरकार | 30% |
राज्य सरकार | 30% |
बैंक लोन (आसान किस्तों में) | 30% |
किसान का योगदान | 10% |
उदाहरण:
अगर कोई किसान 2 लाख रुपये का सोलर पंप खरीदता है, तो उसे:
- 60,000 रुपये केंद्र सरकार से,
- 60,000 रुपये राज्य सरकार से,
- 60,000 रुपये बैंक लोन से मिलेगा,
- और उसे सिर्फ 20,000 रुपये देने होंगे।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
कौन पात्र है?
- छोटे और सीमांत किसान
- सिंचाई के लिए डीजल पंप उपयोग करने वाले किसान
- बिजली ग्रिड से दूर बसे किसान
- सहकारी समितियाँ और कृषि समूह
आवेदन कैसे करें?
- ऑनलाइन आवेदन:
- आधिकारिक पोर्टल mnre.gov.in पर जाएं।
- “कुसुम महौरजा योजना” सेक्शन में आवेदन फॉर्म भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- ऑफलाइन आवेदन:
- नजदीकी सौर ऊर्जा निगम (SECI) या कृषि विभाग कार्यालय में जाएं।
- फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
जरूरी दस्तावेज:
✔ आधार कार्ड
✔ जमीन के स्वामित्व का प्रमाण
✔ बैंक पासबुक
✔ बिजली बिल (यदि उपलब्ध हो)
✔ पासपोर्ट साइज फोटो
योजना के प्रमुख लाभ
✅ डीजल पर निर्भरता खत्म: सौर ऊर्जा पंप से बिजली की जरूरत कम होगी।
✅ बिजली बिल में बचत: ग्रिड पर निर्भरता कम होगी और बिजली बिल घटेगा।
✅ अतिरिक्त आय: किसान अतिरिक्त सौर ऊर्जा बिजली कंपनियों को बेच सकते हैं।
✅ पर्यावरण अनुकूल: प्रदूषण कम होगा और कार्बन फुटप्रिंट घटेगा।
✅ सरकारी सहायता: सब्सिडी और आसान बैंक लोन की सुविधा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
कुसुम महौरजा योजना में आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है?
सरकार समय-समय पर आवेदन विंडो खोलती है। नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।
योजना के तहत कौन-कौन से पंप उपलब्ध हैं?
सौर ऊर्जा आधारित सतही, उपरि और ड्रिप सिंचाई पंप शामिल हैं।
क्या किराए की जमीन पर भी सोलर पंप लग सकता है?
हां, लेकिन इसके लिए भूमि मालिक की सहमति आवश्यक है।
सब्सिडी की राशि कब तक मिलेगी?
आवेदन स्वीकृत होने के 30-60 दिनों के भीतर सब्सिडी मिल जाती है।
क्या लोन भी मिलेगा?
हाँ, सरकार बैंकों के माध्यम से 30% लोन सुविधा देती है।
निष्कर्ष
कुसुम महौरजा योजना किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जिससे वे डीजल की बढ़ती कीमतों से बच सकते हैं और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं। इस योजना के तहत 90% तक सब्सिडी का लाभ उठाकर किसान सौर ऊर्जा पंप स्थापित कर सकते हैं और अपनी खेती को अधिक कुशल बना सकते हैं। यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें।
क्या आपने इस योजना के लिए आवेदन किया है? अपने अनुभव हमें नीचे कमेंट में बताएं!